Governor's address raised hopes

राज्यपाल के अभिभाषण से जगी उम्मीदें

Governor's address raised hopes

Governor's address raised hopes

हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र प्रदेश के लोगों के लिए नई संभावनाओं और विकास के रास्ते खोलने वाला साबित होने की उम्मीद है। एक राज्य का आधार उसकी सरकार होती है, सरकार के कदम बढ़ते हैं, तो जनता के सपनों को पंख मिलते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार लगातार आगे बढ़ रही है और अब बजट सत्र के दौरान अनेक नीतियों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की तैयारी है। बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की योजनाओं का खाका पेश किया है। मनोहर सरकार की सबसे बड़ी कामयाबी जनता का विश्वास हासिल करना है। किसी भी गठबंधन सरकार में इतना समन्वय शायद ही नजर आए, लेकिन हरियाणा जोकि राजनीतिक उठा-पटक का नमूना बनता रहा है, अब विकास की दौड़ में दूसरे प्रदेशों को पीछे छोड़ चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद हरियाणा की तरक्की का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रशंसा की है। जाहिर है, मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दूरगामी नेतृत्व है, वहीं उपमुख्यमंत्री एवं जजपा नेता दुष्यंत चौटाला उत्साह और साहसिक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक वरिष्ठ नेता एवं एक युवा का यह गठजोड़ हरियाणा की राजनीति में नए कीर्तिमान बना रहा है।  

   राज्य का वित्त विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास ही है। उन्होंने बजट सत्र से पहले सभी वर्गों के विशेषज्ञों, लोगों, अधिकारियों के साथ बैठक कर यह समझा है कि किस क्षेत्र में क्या किए जाने की जरूरत है। अब राज्यपाल के अभिभाषण से यह सामने आ रहा है कि गठबंधन सरकार न केवल इस साल करीब दो दर्जन पहले से चल रही योजनाओं को सिरे चढ़ाएगी, अपितु दो दर्जन से अधिक नई परियोजनाएं की शुरुआत भी करेगी। अभिभाषण से यह प्रतीत हुआ है कि सरकार किसानों के संबंध में और योजनाएं लाएगी, वहीं जल संरक्षण और महिला कल्याण के अलावा ग्रामीण व शहरी विकास पर भी खूब काम करेगी। पिछले दिनों किसान आंदोलन ने कृषि क्षेत्र की जरूरतों पर फोकस करने के लिए सरकारों को बाध्य किया है, किसानों की केंद्र सरकार के कृषि कानूनों पर भारी आपत्ति थी, हालांकि सरकार का तर्क था कि वे कानून जायज हैं, लेकिन किसानों ने इसे अस्वीकार किया। बेशक, कानूनों के जरिए पूरी अर्थव्यवस्था का कल्याण करने की योजना थी, लेकिन सरकार अब खेती-किसानी के संबंध में नई योजनाएं पेश कर रही है तो इससे इस सेक्टर में ग्रोथ की उम्मीद बंधती है, जिसका लाभ दूसरे सेक्टरों को भी हासिल होगा। गठबंधन सरकार खेत में बीज बोने से लेकर बाजार में फसल बेचने तक की तमाम प्रक्रियाओं तक किसान के साथ खड़ी रहना चाहती है।

   राज्यपाल के अभिभाषण में सरकार ने हैप्पीनेस इंडेक्स (खुशियों के सूचकांक) को बढ़ाने के साथ ही ईज आफ लिविंग (रहन-सहन के स्तर में सुधार) के लक्ष्य को भी सामने रखकर आगे बढऩे का संकल्प लिया है। राज्यपाल ने गठबंधन सरकार की पीठ थपथपाई है, उन्होंने अभिभाषण में जिस तरह आम आदमी के बच्चों की शिक्षा, उनके स्वास्थ्य, मकान और रोजगार सहित बुनियादी जरूरतों की बात की है, उससे काफी संकेत मिल रहे हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल 8 मार्च को जब तीसरा आम बजट पेश करेंगे तो वह प्रदेश की जनता के अंत्योदय की भावना पर केंद्रित होगा।  इस दौरान राज्यपाल ने प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की जाने वाली नई योजनाओं की भी जानकारी सदन को दी। परिवार पहचान पत्र मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अति महत्वाकांक्षी परियोजना है। इस परियोजना के पोर्टल पर चिन्हित एक लाख 80 हजार रुपये सालाना से कम आय वाले 11 लाख परिवारों की कमाई बढ़ाने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है। इसी प्रकार जल संरक्षण आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। हरियाणा के विभिन्न जिलों में भूजल स्तर बेहद नीचे जा चुका है, इससे सूखे के आसार पैदा हो रहे हैं। जल संरक्षण की दिशा में काम करते हुए सरकार अब धान के स्थान पर प्रति एकड़ 400 पेड़ लगाने वाले किसान को तीन साल तक 10 हजार रुपये प्रति एकड़ राशि देगी। यह सरकार की उदार और प्रगतिशील सोच का नमूना है कि वह इतना बड़ा कदम उठाना चाहती है। सरकार ने पुलिस बल में महिलाओं की संख्या 9 से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।

   सरकार का मंतव्य चिकित्सा क्षेत्र के लिए काफी काम करने का है। इस दिशा में सरकार ने आगे बढ़ते हुए अंबाला में होम्योपैथिक कॉलेज और हिसार के मैयड़ में 50 बेड का आयुष अस्पताल खोलने की योजना बनाई है, वहीं कुरुक्षेत्र, कैथल, फरीदाबाद, रेवाड़ी, पंचकूला में नर्सिंग कॉलेज बनाने की तैयारी है। सरकार कैथल, सिरसा और यमुनानगर में इसी वर्ष मेडिकल कॉलेज खोलेेगी। सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर करने को प्रतिबद्ध नजर आ रही है, उसकी योजना नौवीं, दसवीं के बच्चों को मुफ्त कोचिंग देने की है, वहीं मूक एवं बधिर बच्चों के लिए तकनीकी संस्थानों में पुस्तकालय विज्ञान, होटल प्रबंधन सहित अन्य डिप्लोमा कोर्स शुरू किए जाए जाएंगे। सरकार राज्य के विकास का रोडमैप तैयार कर चुकी है, इसका फायदा जल्द ही मिलने लगेगा।